अक्ल की वजह से

जून की गर्म दोपहरी में तीन आदमी सड़क के किनारे गङ्ढा खोद रहे थे। उनका बॉस पास ही पेड़ की छाया में खड़ा था। एक आदमी बोला -
''देखो, हम यहां धूप में मर रहे हैं और हमारा अफसर छाया में आराम से खड़ा है। ये अन्याय क्यों हैं ?''''
पता नहीं।'' - दूसरे ने कहा ।
''मैं पूछकर आता हूं'' - पहले ने कहा
और अफसर के पास गया।
''हम लोग धूप में काम कर रहे हैं और आप यहां छाया में खड़े हैं। ऐसा क्यों है? - उसने पूछा।
''अक्ल की वजह से'' - अफसर ने कहा ।
''क्या मतलब ? '' - आदमी ने पूछा।
''मतलब ये कि मैं तुमसे ज्यादा अक्लमंद हूं ।'' - अफसर ने कहा। ''वो कैसे ? साबित कीजिये'' आदमी ने कहा। ''ठीक है ।
देखो मैं अपना हाथ इस पेड़ पर टिकाता हूं। अब तुम फावड़ा मेरे हाथ पर मारो।'' - अफसर ने कहा।
आदमी ने जैसे ही उसके हाथ पर वार किया अफसर ने अपना हाथ वहां से हटा लिया। फावड़ा तने में जाकर लगा।
''यही अक्लमंदी है। समझे ?'' - अफसर ने मुस्कराते हुये कहा।
आदमी सर झुकाये वापस चला गया। उसके साथी ने पूछा - ''उन्होंने क्या कहा ?''''
उन्होंने कहा हम लोगों में अक्ल कम हैं इसीलिये हम यहां हैं।''
''क्या मतलब? अक्ल कम है !'' - साथी ने पूछा ।
आदमी ने सिर खुजाया और अपने दूसरे साथी के सिर पर हाथ रखकर तीसरे से कहा - ''फावड़ा उठाओ और मेरे हाथ पर मारो।''

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