माफ़ कर देना

तुमसे कहीं आज लिपट जाएँ तो माफ़ कर देना,
हद से गर आगे बढ़ जाएँ तो माफ़ कर देना.

शोखियाँ आंखों कि बेताब कर रही हैं हम को
आज इन मी कहीं डूब जाएँ तो माफ़ कर देना.

भीगे होठों के पैमाने न दिखाओ हम को,
इन्हें पीने को लैब लिपट जाएँ तो माफ़ कर देना.

दिल कि बातें लैब तक ला कर रोक लेते हैं हम
ख़त हमारे किताबों में कभी पो तो माफ़ कर देना.

हर सांस हमारी तुम्हारे हुस्न कि कर्ज़दार हो चुकी,
दिल-ए-नादान इजहार -ए -मोहब्बत कर जाये तो माफ़ कर देना.

उल्फत के अफसाने गूंजते हैं कायनात तक,
इश्क हमारा तुम्हे बदनाम कर जाये तो माफ़ कर देना.

जान, हद से आगे बढ़ जाएँ तो माफ़ कर देना,
तुमसे कहीं आज लिपट जाएँ तो माफ़ कर देना.

हिन्दी का स्वरूप

एक दिन मिल गयी वो मुझे
गली के एक मोड़ पर
बिखरे उलझे केश, चेहरे पर झुर्रिया.
झुकी कमर और हाथ में लाठी !!!
पूंछ ही लिया मैंने……….. कोन हो तुम
हिचकती, हक्लाती वो बोली
बेटा नही पहचानता मुझे……..
में हिन्दी हू तुम्हारी माँ,
मैंने सबको अपने में समाया,
पर… तुम्ही ने नही अपनाया मुझे
में जहा कल थी , आज वो है………….
शर्म से झुक गयी मेरी आँखे,
पता नही कहा चली गयी मेरी आवाज,
और जब नज़रे उठी तो सामने कोई नही था,
था तो केवल शून्य, केवल शून्य…………॥!!!!!

जब कभी मिलते है उनसे

जब कभी मिलते है उनसे, तो लगता है
हम अपनी कही कोई हुई ख़ुशी से मिलते है

सर को रख लेते है उनके दर पर " ख्वाइश "
हम उनसे इतनी दीवानगी से मिलते है

जब कभी जुदा होते है हम उनसे
कोई होश न ही कोई सुकून मिलता है
समझलो जैसे हम अपनी आवारगी से मिलते है

हमें नही कोई शौक महफिलो में रहने का
हम तो उनके साथ मिले पल, भीड़ से दूर,
जहाँ सिर्फ वह और हम रहे,
यूह समझलो बड़ी सादगी से मिलते है

वह जब साथ होते है अपने,
रौनके ढूँढ़ते है चेहरों पर,
जिस किसी आदमी से मिलते है

इश्क कि खुमारी, इश्क करने वाले समझे
हमें तो यही लगता है, रात कि तन्हाई में
आसमान के तारे भी अपने ज़मीन से मिलते है

गुमसुम सा हो जाता हूँ तनहा मैं
जो वह मिलते है तो लगता है
हम अपनी खोई हुई हस्ती से मिलते है

जब भी मिलते है उनसे तो अपनी,
हर सांस ,हर लफ्ज़, हर ख्वाइश,
हर कदम, हर धड़कन, हर आरजू, हर दुआ
लगता है हमें, कुबूल हो गयी हो जैसे,
उन्हें मिलके होता है यह एहसास जैसे
हम अपनी ज़िंदगी से मिलते है

ये जरुरी तो नही

मेरे हर लब्ज़ शब्दों में बयाँ हो, ये जरुरी तो नही,
दिल के जज्बात आंखो में समां हो, ये जरुरी तो नही,
mumkin है हर दर्द को दिल में छुपाना भी ……..............
हर रिश्ते अश्क से भीगे पलके, ये जरुरी तो नही………………

जिसकी मोहब्बत में, मैं कुछ भी कर गुजर चुकॉ,
उसे भी मुझ पर हो इतना यकीं, ये जरुरी तो नही………………


जिसकी यादो में, मैं रात भर सोया नही शायद ,
उसके ख्वाबो में भी हो मेरा इन्तजार, ये जरुरी तो नही…………।


हर वक़्त खाई थी जिसने साथ मरने कि कसमें,
वो दे जिंदगी में भी साथ , ये जरुरी तो नही......................

मुझे भूल जाने की बात

मुझे भूल जाने की बात कभी मत करना,
मुझ से रूठ जाने कि बात कभी मत करना
तू रहे बेशक मेरी नज़रो से दूर,
पर मेरे ख्वाबों मे आने से इंकार मत करना.
तेरे सिवा न चाहा है कभी किसी और को,
कोई शिकवा नही, तू चाहे कभी अपनी चाहत का इजहार मत करना.
अगर एहसास हो मेरी मोहबत का मेरे जाने के बाद,
मेरे जनाजे पे आने से इनकार मत करना.
तेरी धड़कन को चाह कर भी न छू पाया अगर,
तो मेरे लिए आंसू कभी बर्बाद मत करना.

दिल के लिए क्यों अच्छा है लहसन


वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने यह रहस्य सुलझा लिया है कि क्यों लहसन खाने से हृदय स्वस्थ्य बना रहता है.
उनका कहना है कि मूल तत्व है, एलीसिन.
एलीसिन से ही सल्फ़र के यौगिक बनते हैं जिससे तेज़ गंध आती है और जिससे साँस में भी दुर्गंध बस जाती है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि सल्फ़र के ये यौगिक लाल रक्त कोशिकाओं के साथ प्रतिक्रिया करते हैं और हाइड्रोजन सल्फ़ाइड बनाते हैं.
उनका कहना है कि हाइड्रोजन सल्फ़ाइड रक्त वाहिनियों को आराम पहुँचाता है और इससे रक्त का प्रवाह आसान हो जाता है.
यह शोध बर्मिंघम के 'यूनिवर्सिटी ऑफ़ अलाबामा' में किया गया है और 'नेशनल अकैडेमी ऑफ़ साइंसेस' के प्रकाशन में प्रकाशित हुआ है.
हालांकि ब्रिटेन के विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लहसन की अतिरिक्त मात्रा खाने से साइट इफ़ेक्ट हो सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि हाइड्रोजन सल्फ़ाइड वही रसायन है जिससे सड़े हुए अंडों जैसी गंध आती है और इस रसायन का उपयोग दुर्गंध फैलाने वाले बम बनाने में किया जाता है.
लेकिन जब इसकी सांद्रता कम होती हैं तो यह शरीर की कोशिकाओं के आपस में संपर्क क़ायम करने में अहम भूमिका निभाता है.
यह रक्त वाहिनियों की भीतरी सतह को आराम पहुँचाता है जिससे वाहिनियाँ नरम पड़ जाती हैं.
इसका असर यह होता है कि रक्तचाप या ब्लड प्रेशर कम हो जाता है और शरीर को कई अंगों तक ख़ून को ज़्यादा मात्रा में ऑक्सीजन ले जाने में सहायता मिलती है और इसके चलते हृदय पर दबाव कम हो जाता है.
प्रयोग
अलाबामा के वैज्ञानिकों ने चूहे की रक्त वाहिनियों को लहसन के रस में डूबोकर देखा.
उनका कहना है कि इसके नतीजे अद्भुत थे क्योंकि वाहिनियों के भीतर तनाव 72 प्रतिशत तक कम हो गया था.
हमारे प्रयोग के परिणाम बताते हैं कि खाने में लहसन को शामिल करना अच्छी बात है
डॉ डेविड क्राउस, प्रमुख शोधकर्ता

शोधकर्ताओं का कहना है कि सुपरमार्केट से ख़रीदे गए लहसन के रस के संपर्क में जब लाल रक्त कोशिकाओं को लाया गया तो वे तत्काल हाइड्रोजन सल्फ़ाइड का निर्माण करने लगे.
आगे किए गए प्रयोगों से पता चला कि यह प्रतिक्रिया रक्त कोशिकाओं के सतह पर ही होती है.
प्रमुख शोधकर्ता डॉ डेविड क्रॉउस का कहना है, "हमारे प्रयोग के परिणाम बताते हैं कि खाने में लहसन को शामिल करना अच्छी बात है."
उनका कहना था कि भूमध्यसागरीय और सुदूर पूर्व के इलाक़ों में, जहाँ लहसन का प्रयोग अधिक होता है, वहाँ हृदय रोग की शिकायतें कम पाई जाती हैं.
हालांकि ब्रिटिश हार्डफ़ाउंडेशन की हृदयरोग विभाग की नर्स जूडी ओ-सूलिवान का कहना है कि इस शोध से पता चलता है कि लहसन से दिल के रोगों में कुछ फ़ायदा हो सकता है.
लेकिन वे चेतावनी देकर कहती हैं कि इस बात के प्रमाण अपर्याप्त हैं कि लहसन का प्रयोग दवा के रुप में करने से हृदय रोग होने का ख़तरा कम हो जाता है।