ज्ञान

तीन बात अति गुप्त हैं, मन मैं राखो गोय,
धन-धर्मं और यात्रा, प्रकट न भाखो कोय
शत्रु इनके बहुत हैं, करें घात पर घात,
बात तनिक सी फैल कर, करें महा-उत्पात

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